छत्तीसगढ़ गोबर खरीदने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना आरंभ किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ पशुओं की सुरक्षा एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि कर उनका मनोबल बढ़ाना है, जिससे पशु पालकों का आर्थिक विकास हो| पशुओं को पालने में उनकी रुचि बनी रहे।
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान होता है, गांव में रहने वाले अधिकांशत: किसान एवं मजदूर वर्ग के लोग होते हैं ,जिनका मुख्य कार्य कृषि होता है। गांव में रहने वाले छोटे एवं मध्यम वर्गीय किसान , मजदूर कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं।
गांव में ज्यादातर पशुधन छोटे किसान,मजदूर एवं जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं होता उनके पास भी कुछ पशु होते हैं, छोटे किसान एवं मजदूर वर्ग के लोग आर्थिक तंगी के कारण पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था नहीं कर पाते है और वे पशुओं को खुले में चरने के लिए छोड़ देते हैं , जिससे फसलों का नुकसान एवं शहरों में दुर्घटना होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है।
विगत वर्षो में केंद्र एवं राज्य की सरकारों द्वारा किसानों एवं मजदूरों की आय बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है ,नई -नई योजनाएं आरम्भ किया जा रहा है, ताकि किसानों की आय को बढ़ाया जा सके।
इसी दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पशु पालकों एवं किसानों के लिए GODHAN NYAY YOJANA शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है।
कोविड-19 लॉकडाउन के कारण पूरे विश्व में बेरोजगारी की समस्या बढ़ी हुई है लोगों की रोजगार की समस्याएं किसी भी देश की सबसे बड़ी समस्या है गोधन न्याय योजना के तहत लगभग चार लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे ।
GODHAN NYAY YOJANA के शुरू होने से पशुपालक अपने पशुओं को बांध कर रखेंगे ,उनकी चारे पानी की व्यवस्था करेंगे ,जिससे की उन्हें गोबर प्राप्त हो और वे गोबर को योजन से जुड़े अधिकारियो द्वारा गठित समितियों को बेच कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकें।
सरकारी चावल से महंगा बिकेगा गोबर :-
किसी भी सरकार द्वारा गोबर खरीदना एक अनूठी पहल है ,जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने कर दिखाया है। छत्तीसगढ़ में सरकारी चावल ₹1 प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध कराया जाता है,जबकि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी ₹1.5 प्रति किलो के हिसाब से किया जाएगा।
हिंदू संस्कृति में गोबर को पवित्र माना जाता है ,किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के आरंभ होने से पहले उस स्थान की गोबर से लिपाई किए जाने की परंपरा विद्यमान है, ग्रामीण महिलाएं आज भी अपने घरों की गोबर से लिपाई करती हैं।
खेती-बारी के आगे बेरा— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 27, 2020
चलव करबो 'रोका-छेका' pic.twitter.com/NvKBgbmXNF
गोधन न्याय योजना की शुरुआत :-
छत्तीसगढ़ में हरेली त्योहार के शुभ अवसर पर 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना आरंभ किया जाएगा।
हर गांव में हज़ार तक पशुधन :-
छत्तीसगढ़ में 19 हजार गांव हैं ,प्रत्येक गांव में 300 से 1000 गांव और भैसे है,प्राप्त सरकारी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा गाय हैं ,गायों की संख्या लगभग 1.5 करोड़ है ,प्रत्येक गाय से प्रतिदिन औसतन 4 से 5 किलो गोबर की प्राप्ति होती हैं ,गायों से प्राप्त होने वाले गोबर का 7 %से 8% का उपयोग गांवों में गोबर के कंडे बनाने में उपयोग किया जाता है। यह अनुमान है कि राज्य में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 हजार टन गोबर खरीदा जा सकता है।
गोधन न्याय योजना ONLINE APPLICATON FORM
Godhan Nyay Yojana में आवेदन Online होगा या फिर Offline इसकी सुचना Yojana से जुड़े अधिकारियो द्वारा समय पर अवगत कराया जायेगा। अभी गोधन न्याय योजना की घोषणा किया गया हैं।
गोधन न्याय योजना ONLINE APPLICATON FORM
Godhan Nyay Yojana में आवेदन Online होगा या फिर Offline इसकी सुचना Yojana से जुड़े अधिकारियो द्वारा समय पर अवगत कराया जायेगा। अभी गोधन न्याय योजना की घोषणा किया गया हैं।
सुराजी गांव योजना:-
सुराजी गांव योजना के अंतर्गत 5000 गौठानों का निर्माण किया जाएगा ,प्रदेश में अभी लगभग 2200 गौठान उपलब्ध है ,जिसका उपयोग गोधन न्याय योजना में प्राप्त गोबर से खाद बनाने में किया जाएगा एवं 2800 से अधिक गौठानों का निर्माण करवाया जा रहा हैं।
गौठानों समितियों को गायों की देखरेख करने के लिए ₹10000 मासिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाएगा।
रोका- छेका से फसलों की सुरक्षा :-
रोका- छेका का छत्तीसगढ़ी शब्द है जिसका अर्थ है रोकना एवं घेरना ,
कृषि के लिए यह आवश्यक है कि आवारा पशुओं को फसलों से दूर रखा जाए, जिससे फसलों की नुकसान कम हो, छत्तीसगढ़ में रोका- छेका का प्रयोग पहले से किया जाता रहा है ,घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए गौठानों में रखा जाएगा एवं चारा उपलब्ध कराया जाएगा ,जिससे फसलों की सुरक्षा हो।
प्रशिक्षण की व्यवस्था :-
गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर से जैविक खाद बनाया जाएगा ,जिसके लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। महिला स्वयं सहायता समूह एवं समितियों को गोबर संग्रहण एवं खाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
घर -घर जाकर गोबर संग्रहण :-
GODHAN NYAY YOJANA के तहत हरेली त्यौहार के पश्चात गोबर की खरीदी आरंभ किया जा सकता है जिससे गठान समिति एवं उनके द्वारा नामित किए गए सदस्य घर-घर जाकर गोबर इकट्ठा करेंगे।
गोबर से बनेगा जैविक खाद :-
गोबर से जैविक खाद बनाने में 45 दिन का समय लगता है।इस हिसाब से साल भर में 45-45 के 4 से 5 चक्र चलाये जा सकते हैं , प्रशिक्षण प्राप्त महिला स्वयं सहायता समूह एवं समितियों द्वारा गोबर से जैविक खाद बनाया जाएगा ,जैविक खाद की कीमत ₹8 से ₹10 हो सकती है, जिससे वन एवं उद्यानिकी विभाग के द्वारा खरीदा जाएगा।
गमले दीपक भी बनाएं जायेंगे :-
शहरी इलाकों में वर्मी कम्पोस्ट खाद के अलावा गोबर की लकड़ी ,दीपक ,गमले ,अगरबत्ती और सजावटी सामान बनाया जाएगा इस योजना से SMART CITY योजना को बल मिलेगा।
गोधन न्याय योजना कार्ड जरूरी :-
गोधन न्याय योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए गोधन न्याय योजना खरीदी कार्ड जारी किया जाएगा ,जिसमें प्रतिदिन संग्रहित किए जाने वाले गोबर की मात्रा एवं भुगतान राशि का उल्लेख कार्ड में किया जाएगा।
₹1.5 किलो में गोबर खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार :-
GODHAN NYAY YOJANAके तहत गोबर खरीदने के लिए मूल्य निर्धारण हेतु छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में उप समिति गठित की गई थी ,उप समिति की सिफारिश के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश के पशुपालकों से ₹1.5 प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा।
राशि का भुगतान :-
गोधन न्याय योजना के अंतर्गत खरीदे गए गोबर की राशि का भुगतान प्रत्येक 15 दिन में पशु पालकों को कर दिया जाएगा।
गोधन न्याय योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी:-बेमेतरा के 'जय महामाया महिला स्व सहायता समूह' की महिलाओं ने 1200 गोबर से बने गमले बेचकर 18 हजार रूपए की कमाई की है। एक गमला बनाने में 7 रूपए की लागत आती है और वह बिकता 15 रूपए में है। इस तरह से 9600 रूपए की शुद्ध कमाई। #GodhanNYAY #NGGB pic.twitter.com/X6DDSbvL8S— Jansampark CG (@DPRChhattisgarh) July 3, 2020
- गोपालन और गोबर प्रबंधन से पशुपालकों को होगा लाभ
- गांव में बढ़ेंगे रोजगार एवं लोगों को हाय के अतिरिक्त अवसर प्राप्त होंगे
- गोबर प्रबंधन एवं पर्यावरण सुरक्षा
- सहकारी समितियों से बिकेगा वर्मी कंपोस्ट
- सरकार करेगी जैविक खाद की मार्केटिंग की व्यवस्था
- शहरों में खुले में घूमने वाले पशुओं की होगी रोकथाम एवं दुर्घटना में कमी
- हमारा घूमने वाली पशु से फसलों की होगी सुरक्षा
- निर्धारित दर पर सरकार करेगी गोबर की खरीदी
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में होगी सुधार
- गौठान समितियों को प्रबंधन के लिए 10,000 रुपए वित्तीय सहायता होगी उपलब्ध
विशेष: -
केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा खुले में घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए रहने, खाने की व्यवस्था की जाती है ,फिर भी यह देखा जाता है किअधिकतर पशुओं को चारा एवं बीमार होने वाले पशुओं का इलाज तक नहीं किया जाता जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है।
गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण योजना है जिससे ना केवल पशुपालकों को आय की प्राप्ति होगी ,बल्कि पशुओं के जीवन के लिए वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि जब पशुओं को चारा खिलाया जाएगा तो गोबर की प्राप्ति होगी जिसे बेचकर गोबर को बेचकर मज़दूर ,किसान आय की प्राप्ति कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के सर्व यादव समाज के द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा किए गए इस उल्लेखनीय निर्णयके लिए उन्हें पारंपरिक खुमरी टोपी पहनाई और कौड़ी से बना जैकेट तथा यादवी डंडा भेंट किया एवं गौ रत्न सम्मान से नवाजा गया है
आपके विचार:-
इस योजना पे आपके विचार प्रकट करें। क्या GODHAN NYAY YOJANA पशुओं की स्तिथि में परिवर्तन लाया जा सकता हैं।
गौ रत्न सम्मान क्या है ?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गायों की संरक्षण ,संवर्धन हेतु गोधन न्याय योजना शुरुआत करने का निर्णय लिया हैगोरत्न सम्मान |
छत्तीसगढ़ के सर्व यादव समाज के द्वारा मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा किए गए इस उल्लेखनीय निर्णयके लिए उन्हें पारंपरिक खुमरी टोपी पहनाई और कौड़ी से बना जैकेट तथा यादवी डंडा भेंट किया एवं गौ रत्न सम्मान से नवाजा गया है
आपके विचार:-
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धन्यवाद !