हाथों में भगवान का नाम का टैटू: आस्था या अपमान?

हाथों में भगवान का नाम का टैटू बनाने के बारे में लोगों के अलग-अलग विचार हैं। कुछ लोग तो इसे अपनी आस्था का प्रतीक मानते हैं और इसे स्वीकार करते हैं और कुछ लोग अनुचित समझते हैं। इस विषय पर कोई एक सही या गलत जवाब नहीं है, बल्कि ये आपकी व्यक्तित्व और संस्कृति पर निर्भर करता है।

Haathon Mein Bhagwan Ka Naam Ka Tattoo: Astha Ya Apmaan?

Haathon Mein Bhagwan Ka Naam Ka Tattoo: Astha Ya Apmaan?कुछ लोग अज्ञानता में भगवान का नाम हाथों में लिख लेते हैं या टैटू बनवा लेते हैं , उनको यह नहीं पता होता है कि इसका क्या बुरा प्रभाव हो सकता है ,

अक्सर देखा जाता है कभी-कभी जो नाम हाथों में लिखा जाता है वह तुरंत तो नहीं मिटता है , फिर उसी हाथों से आप सौच दिनचर्या वगैरा करेंगे, आपकी हाथों से या शरीर की किसी भी हिस्से में जहां भगवान का नाम लिखा हो जल बाथरूम में भी गिरेगा , आपके पैरों के नीचे भगवान के नाम का जल आएगा

 

आप खुद सोचिए जिस नाम का जाप आप भगवन प्राप्ति के लिए करते हैं, उसी नाम का आप इस प्रकार से अपमान तो नहीं करना चाहेंगे , इसलिए कभी भी भगवान के नाम का अपने शरीर या किसी भी ऐसे ही स्थान पर ना लिखें जिससे भगवान के नाम का अपमान हो जाए , आप यह नहीं चाहेंगे कि जिस भगवान का नाम आप इतनी आदर्श से लेते हैं वह जल आपके पैरों के नीचे से होकर बहे जो की अच्छी बात नहीं है

आपको भगवान के नाम का टैटू बनवाना है, तो आपको उनके नाम की मर्यादा का भी ख्याल रखना चाहिए।

Haathon Mein Bhagwan Ka Naam Ka Tattoo: Astha Ya Apmaan?

भगवान के नाम का टैटू: क्या करें और क्या न करें?

आपको हाथों में भगवान का नाम लिखने के बजाय , उनका नाम हमें अपने मन में सुमिरन करते रहना चाहिए चाहिए।

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