Sanskrit Swayam Shikshak for Sanskrit Begineer

 ” संस्कृत स्वयं-शिक्षक”

Sanskrit Swayam Shikshak  Book

इस पुस्तक का नाम ‘Sanskrit Swayam Shikshak‘ है और इस नाम से जो अर्थ ज्ञात होता है वह यह है कि यह इसका कार्य है। बिना किसी पंडित की सहायता के हिंदी जानने वाला व्यक्ति इस पुस्तक को पढ़कर संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। जो लोग देवनागरी अक्षर नहीं जानते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि पहले देवनागरी (learn hindi) पढ़कर इस पुस्तक को पढ़ें। देवनागरी वर्णमाला को जाने बिना संस्कृत भाषा बहुत कठिन है, इसे कई वर्षों तक प्रयास करके ही सीखा जा सकता है।संस्कृत एक प्राचीन भाषा(ancient language) है ।

Book for Sanskrit Begineer


 लेकिन हकीकत में यह सिर्फ एक भ्रम है। संस्कृत भाषा अपनी नियमितता और प्रकृति के कारण सभी मौजूदा भाषाओं में समझने में आसान है ( Sanskrit is the mother of all Indian languages like Hindi,Tamil,Bengali,Marathi,Telugu,Marathi)। संस्कृत भाषा को बहुत आसानी से पढ़ाया जा सकता है और रामायण-महाभारत आदि के व्यावहारिक वार्तालाप और अध्ययन के लिए, जितना संस्कृति का ज्ञान आवश्यक है, एक वर्ष में आधे घंटे का अभ्यास करना आवश्यक है।

  • हर दिन एक घंटे के लिए इस पुस्तक (Sanskrit Swayam Shikshak) का अध्ययन करें और बिना किसी झिझक के आने वाले शब्दों का प्रयोग करें।
  • किताब कितनी भी अच्छी क्यों न हो, पाठक बिना कोशिश किए उसका पूरा फायदा नहीं उठा सकते। 

  • Publisher ‏ : ‎ Rajpal & Sons 
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 364 pages


Sanskrit Swayam Shikshak for Sanskrit Begineer


Some Intersting Fact About Sanskrit word
  • आयुर्वेद (Ayurveda) दो संस्कृत शब्दों (Sanskrit words) से मिलकर बना है 
  • Sudharma विश्व का एकमात्र संस्कृत समाचार पत्र है।
  • कर्नाटक के एक गांव में, सभी संस्कृत बोलते हैं
  • यदि आप संस्कृत (Speak Sanskrit)बोलते हैं, तो आप अपने आप को कम शब्दों में व्यक्त कर सकते हैं।

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